दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.41 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 54 लाख 20 हजार 056 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.18 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। इजराइल में लोग अब प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर यहां सरकार ने एक कानून पास कर दिया है।
इजराइल : सरकार सख्त
इजराइल में पिछले कुछ दिनों से लोग प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार कोरोनावायरस की रोकथाम के नाम पर मनमाने प्रतिबंध लगा रही है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस्तीफे की मांग की जा रही है। लेकिन, सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है। संसद में एक कानून पास किया गया है। इसके तहत अब विरोध प्रदर्शन गैरकानूनी होंगे और ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा सकेगा।
नए कानून के तहत लोग एक किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा भी नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा 20 से ज्यादा लोगों के एक जगह जुटने पर पाबंदी लगा दी गई है। सरकार का कहना है कि वैक्सीन अब तक नहीं आई है और संक्रमण की दूसरी लहर का खतरा है। लिहाजा, सख्ती जरूरी है।
स्पेन : मैड्रिड लॉकडाउन की ओर
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में सरकार ने कुछ हॉटस्पॉट्स की पहचान की है। सरकार का कहना है कि यहां लॉकडाउन लगाए बिना संक्रमण रोकना आसान नहीं है। लेकिन, स्थानीय प्रशासन और लोग केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। परेशानी की बात यह है कि दो हफ्ते में यहां एक लाख 33 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और सरकार की फिक्र का सबब भी यही आंकड़ा है। हेल्थ मिनिस्टर साल्वाडोर इले ने कहा- मैड्रिड की हेल्थ ही स्पेन की हेल्थ भी है। हमने नियमों की नई सूची तैयार कर ली है और इसे जल्द लागू करेंगे। मैड्रिड में 9 उपनगरीय इलाके हैं। यहां करीब 30 लाख लोग रहते हैं। फिलहाल, बाहर से आने वालों पर बैन लगाया गया है।
साउथ कोरिया: सरकार ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
साउथ कोरिया में सोमवार को 39 नए केस सामने आए। हालांकि केसों में हल्की गिरावट भी देखी गई है। इसके बावजूद सरकार ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, छुट्टियों में लाखों लोग घूमने का प्लान बना चुके हैं। इससे महामारी फैलने का खतरा हो सकता है। देश में 23 हजार 699 केस हैं, 407 मौतें हुई हैं।
लैटिन अमेरिका : 34 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई
यूएन के इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि महामारी के चलते लैटिन अमेरिका में 34 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। संगठन ने कहा है कि किसी भी हाल में सरकारों और यूएन को मिलकर इन लोगों के लिए काम करना होगा। कई दशक बाद इतनी खराब स्थिति देखने को मिली है। लैटिन अमेरिका के अलावा कैरेबियन देशों में भी महामारी का असर पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, लैटिन अमेरिका में कई बुनियादी समस्याएं हैं। इनको सुलझाए बिना रोजगार की समस्या को हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक प्लान भी तैयार करने को कहा गया है।
स्पेन : कारोबार को नुकसान का खतरा
स्पेन सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में संक्रमण की लहर को रोकने के लिए वो हर मुमकिन कदम उठाएगी। सरकार का यह सख्त बयान मैड्रिड लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के एक दिन पहले दिए गए उसे बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार के कदमों से पटरी पर आ रहे कारोबार को फिर नुकसान हो सकता है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने सोमवार को कहा था- यूरोपीय देशों और खासकर पड़ोसी देश फ्रांस में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा, सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे। कुछ खबरों में कहा गया कि स्पेन सरकार सीमाएं बंद करने पर भी विचार कर रही है। हालांकि, सरकार ने इन खबरों का खंडन कर दिया है।
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